आज सुबह ११ बजे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की "मन की बात" कार्यक्रम
सुना । एक बात जो मन को छू गयी, वो थी मोदी जी द्वारा कहा गया एक बात की
"प्रतिस्प्रधा अपने आप से करो ना की किसी और से"। मैं आज दिन भर यही सोचता
रहा और इसी पर चिंतन करा को पाया की यह बात सौ फीसदी सच है दुसरो से
प्रतिस्प्रधा करने पर तीन बात हो सकती है
१. अवसाद २. अहंकार और ३. अवकाश
(कुछ ना करना) और यह तीनों ही स्थिति सही नहीं है। अवसाद अर्थात चिंता में
हम अपने भाग्य को दोष देकर और जो है उसी में संतोष करने लगते है, जिससे आगे
बढ़ना असंभव जाता है अहंकार में आने से हम अपने आप को सबसे अच्छा मान बैठते
हैं तो और सब हमें तिनके के सामान लगते हैं और