हम भारतीय इतने सहनशील हो गए हैं कि कोई भी हमारे देश के विरूद्ध कुछ भी बोल जाता है और हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बोलकर चुप रह जाते हैं। ये एक कायर समाज की पहचान है और कहीं ना कहीं हमारा समाज भी इसी तरह का होता जा रहा है। सहनशीलता की भी एक तय सीमा होनी चाहिए। अगर कोई हमारे देश के सैनिकों को धर्म के आधार पर बांटे या कोई पाकिस्तान परस्त नेता खुलेआम पाकिस्तान के समर्थन में मीडिया को और आम लोगों को भड़काए और हमारी सरकार और हम उसका विरोध भी खुलकर ना कर सकें तो समझ लो की हम एक कायर समाज के बीज बो रहे हैं। मुँझे यह समझ में नहीं आता है कि हमारी सरकार और जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वो ऐसे लोगों को,सहनशीलता या कायरता
हम भारतीय इतने सहनशील हो गए हैं कि कोई भी हमारे देश के विरूद्ध कुछ भी बोल जाता है और हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बोलकर चुप रह जाते हैं। ये एक कायर समाज की पहचान है और कहीं ना कहीं हमारा समाज भी इसी तरह का होता जा रहा है। सहनशीलता की भी एक तय सीमा होनी चाहिए। अगर कोई हमारे देश के सैनिकों को धर्म के आधार पर बांटे या कोई पाकिस्तान परस्त नेता खुलेआम पाकिस्तान के समर्थन में मीडिया को और आम लोगों को भड़काए और हमारी सरकार और हम उसका विरोध भी खुलकर ना कर सकें तो समझ लो की हम एक कायर समाज के बीज बो रहे हैं। मुँझे यह समझ में नहीं आता है कि हमारी सरकार और जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वो ऐसे लोगों को,
